राहुल गांधी को रायबरेली से क्यों बनाया उम्मीदवार? कांग्रेस में क्या चली उधेड़बुन? जानें Inside Story
नई दिल्ली. कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह आखिरकार अमेठी और रायबरेली सीट से अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. पार्टी ने ऐलान किया कि सोनिया गांधी की सीट रही रायबरेली से उनके बेटे राहुल चुनाव लड़ेंगे, जबकि अमेठी से केएल शर्मा पार्टी उम्मीदवार होंगे. कांग्रेस के इस ऐलान ने कई लोगों को हैरान कर दिया और कई सवाल भी उठने लगे. मसलन राहुल गांधी ने रायबरेली सीट को क्यों चुना? और अमेठी से केएल शर्मा चुनाव लड़ेंगे, प्रियंका वाड्रा क्यों नहीं?कांग्रेस से जुड़े सूत्र इसे पीछे कई कारण बताते हैं जो कांग्रेस परिवार के भीतर अमेठी और रायबरेली के भविष्य पर चर्चा के दौरान सामने आए थे. उनके अनुसार रायबरेली से राहुल को चुने जाने का मुख्य कारण सोनिया गांधी की विरासत या उत्तराधिकार कारक था.
रायबरेली की विरासत
गांधी परिवार 1952 के बाद से, अगर छोटा का अंतराल छोड़ दें, तो लगातार ही प्रतिनिधित्व करता रहा है. यहां से सबसे पहले फिरोज गांधी ने चुनाव लड़ा और फिर इंदिरा गांधी ने यह सीट संभाली. हालांकि आपातकाल के बाद 1977 में वह राज नारायण से हार गईं. जब सोनिया गांधी ने अंततः राजनीति को लेकर अपनी नापसंदगी को दूर किया और 1989 में पहली बार चुनाव लड़ा, तो उन्होंने अमेठी को चुना. लेकिन वर्ष 2004 में जब राहुल ने चुनावी मैदान में कदम रखा तो वह रायबरेली चली गईं.
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